खतौली। कस्बे में स्थित शुगर मिल की चिमनी से निकलने वाले धुंए के कारण क्षेत्रवासी प्रभावित होने शुरू हो गये हैं। सफेद और काले धुंए के चौबीसों घंटे निकलने का क्रम यूं तो मिल के पेराई सत्र के आरंभ होते ही शुरू हो गया था, पर जैसे-जैसे मिल में गन्ने की आमद बढ़ रही है, वैसे-वैसे हालत ओर भी बिगड़ती जारी रही है। हालत यहां तक आ पहुंची है कि अब क्षेत्र के निवासी प्रभावित होने शुरू हो गये हैं। उधर इस बाबत प्रदूषण विभाग मौन साधे हुए है। बताते चलें कि कस्बे में स्थित शुगर मिल को कभी एशिया की सबसे बड़ी शुगर मिल का दर्जा प्राप्त था। पेराई क्षमता के चलते यह मिल सबसे बड़ी होती थी। पूर्व में मिल से निकलने वाली काली छाई क्षेत्रवासियों के लिये एक अभिशाप थी। परन्तु अब काफी हद तक मिल ने छाई पर काबू पा लिया है। परन्तु मिल से निकलने वाला गंदा पानी और धुंआ अभी भी अभिशाप बना हुआ है। मिल से चौबीसों घंटे निकलने वाले धुंए ने अब क्षेत्रवासियों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। क्षेत्रवासियों की माग है कि मिलप्रबंध तंत्र कोई ऐसा उपाय निकाले जिससे इस प्रदूशित धुंए से उन्हें राहत मिल सके।