Monday 23rd of December 2024 03:41:14 AM

ओवैसी ने मीरापुर विधान सभा में बिगाड़ा समीकरण


 

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मुज़फ्फरनगर। ककरौली में रैली में उमड़ी हजारों की भीड़ ने समाजवादी पार्टी के होश उड़ा दिये। यहां ओवैसी ने जनपद मुज़फ्फरनगर की मीरांपुर विधान सभा सीट के मुद्दों से लेकर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों तक को छुआ। ककरौली में मीरांपुर विधानसभा के उपचुनाव के प्रचार के आखिरी दिन एआईएमआईएम प्रत्याशी अरशद राना के समर्थन में रैली को सम्बोधित करने आये असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषण की शुरूआत मीरांपुर विधानसभा सीट के मुद्दों से की। उन्होंने कहा कि मीरांपुर विधान सभा क्षेत्र में लड़कियों के लिए कोई डिग्री कॉलेज नहीं है और न ही यहां कोई अस्पताल है। मोरना शुगर मिल की क्षमता भी काफी कम है। किसी भी विधायक या सांसद ने आज तक इस ओर कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने गन्ना मूल्य 450 रूपये कराने की मांग रखी।

उन्होंने मीरांपुर सीट पर बहुतायत में रहने वाली झोझा बिरादरी की भावनाओं को भी अपने भाषण में छुआ और कहा कि झोझा बिरादरी को आज तक कोई हक नहीं मिला। झोझा बिरादरी के लिए स्कूल एक बड़ी जरूरत है, जिसे पूरा नहीं कराया जा सका है। इसी तरह उन्होंने कुरैशी व अंसारी बिरादरी पर कहा कि कुरैशी व अंसारी बिरादरी के कारोबार को सरकार ने खत्म कर दिया है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वे चुनाव के नतीजों को देखकर कभी नहीं घबराते। जब आरएलडी केवल दो सांसद के साथ मीरांपुर सीट अपने लिए छुड़वा सकती है तो एआईएमआईएम के कुछ जनप्रतिनिधि अगर संसद व विधानसभा में पहुंच जाये तो क्या कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि अगर संसद में उनके तीन सांसद और विधान सभा में उनके 10 से 15 विधायक जीत गये होते तो आज नजारा कुछ और ही होता। हर धर्म व बिरादरी की संख्या के हिसाब से उनके जनप्रतिनिधि जीतते रहे हैं, लेकिन सबसे बड़े अल्संख्यक मुसलमानों को उनके जनप्रतिनिधि नहीं मिल पाये। अगर एआईएमआईएम के तीन सांसद भी संसद में होते तो मोदी सरकार वक्फ बिल न बना पाती। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर मोदी सरकार द्वारा तैयार वक्फ बिल, वक्फ कानून बन गया तो जिले का कलक्टर तय करेगा कि कौन सी मस्जिद, कब्रिस्तान व दरगाह वक्फ की सम्पति है या नहीं। सर्वाधिक समस्या सुन्नी वक्फ बोर्ड के सामने आयेगी, क्योंकि वक्फ कानून बनने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड की 99 फीसदी सम्पति वक्फ नहीं रहेंगी। वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्य होगा, जिसके चलते मुस्लिम अपनी वक्फ जायदादों को खो बैठेंगे। इसके बाद ओवैसी ने रालोद सुप्रीमो जयंत को अपने निशाने पर लिया और कहा कि मीरांपुर की जनता एआईएमआईएम के प्रत्याशी को इस कदर जिताकर भेजे की जयंत चौधरी को मजबूरन वक्फ कानून बिल का विरोध करना पड़े। अगर पार्टी जीतती है तो जम्हूरियत मजबूत होगी।

उन्होंने कहा कि सब पार्टियों ने आज तक आपसे वोट लिये, मगर कोई भी आपकी आवाज नहीं बना। अपने हकों के लिए हमेशा लड़ना चाहिए। फलीस्तिीन व इजराईल की जंग का उदाहरण देते हुए ओवैसी ने कहा कि 70 साल की फलीस्तिीन के लोग अपने हकों के लिए लड़ रहे है। ताजा चल रही जंग में अब तक 40 हजार लोग मर चुके है और 12 लाख से अधिक बेघर हो चुके हैं , लेकिन फलीस्तिीन के लोग जालिम मुल्क इजराईल के खिलाफ अपनी जंग जारी रखे हुए है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को निशाने पर लेते हुए ओवैसी ने कहा कि अखिलेश यादव ने 18 प्रतिशत आरक्षण देने का वायदा मुसलमानों से किया था, लेकिन उनका आरक्षण केवल अपने परिवार के लिए सीमित है। करहल सीट पर हो रहे उप चुनाव में वे अपने परिवार को ही एक नहीं रख पाये और उन्हीं के परिवार का एक सदस्य भाजपा के सिम्बल पर चुनाव लड़ रहा है। 2013 में मुज़फ्फरनगर। में हुए दंगे का जिक्र करना ओवैसी नहीं भूले और कहा कि उस दौरान 50 हजार से ज्यादा मुस्लिम बेघर हुए थे। जब बेघर हुए मुस्लिम सर्द रातों में तम्बुओं में सो रहे थे, तब अखिलेश यादव अपने परिवार के साथ सैफई महोत्सव में फिल्मी कलाकारों की प्रस्तुतियों का आनंद ले रहे थे।

कुछ दिन पूर्व बुढ़ाना में हुजूर की गुस्ताखी वाले प्रकरण का जिक्र करना भी ओवैसी नहीं भूले। उन्होंने कहा कि इस दौरान विरोध प्रदर्शन की भीड़ में लाल टोपी वाले दूर-दूर तक नहीं दिखे, जबकि एआईएमआईएम के 16 से ज्यादा युवा जेल गये। उन्होंने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि ऐसा क्यो होता है कि भैया जी कभी जेल नहीं जाते, जबकि अब्दुल्ला व आजम अभी तक जेल में हैं। अखिलेश के बाद ओवैसी ने अपने शब्द बाण सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर छोड़े। ओवैसी ने कहा कि बाबा आजकल महाराष्ट्र में घूम रहे है, जहां वे बंटेंगे तो कटेंगे का नारा बढ़-चढ़ कर लगा रहे हैं। झांसी के मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में अपनी जान की बाजी लगाकर 10 से ज्यादा बच्चों की जान बचाने वाले याकूब मंसूरी की आंखों में आंख डालकर क्या बाबा बंटेंगे तो कटेंगे का नारा लगा सकते हैं, क्योंकि याकूब अंसारी ने अपनी जान पर खेलकर 10 से ज्यादा बच्चों की जानें तो बचा ली, लेकिन अपनी जुड़वा नवजात बच्चियों की जान नहीं बचा पाया।

उन्होंने कहा कि अब बाबा का बुल्डोजर गायब हो चुका है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब किसी मजलूम पर बुल्डोजर नहीं चलेगा। अगर किसी अधिकारी ने हिमाकत करने की कोशिश की उसे नौकरी से हाथ धोना पडे़गा। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुए हमले का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा कि मोदी ने शेख हसीना को भारत में रखने की इजाजत क्यों दे रखी है। मोदी के नारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के जवाब में ओवैसी ने अपना नारा इजाद किया और बताया कि उनका नारा है ‘अनेक हैं तो अखण्ड हैं।

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