शामली। भारतीय किसान यूनियन ने केन्द्र सरकार पर किसानों से किए गए वादों को पूरा न करने सहित अपनी कई मांगों को लेकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया तथा राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर मांगों को जल्द से जल्द पूरा कराए जाने की मांग की। म्ंगलवार को भाकियू के जिलाध्यक्ष कालेन्द्र मलिक के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर केन्द्र सरकार द्वारा किसानों से किए गए वादों को पूरा न करने पर आक्रोश जताते हुए प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि किसानों ने 2020 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संसद की ओर अपना ऐतिहासिक मार्च शुरू किया था। किसानों के लंबे संघर्ष के बाद जब कृषि कानून वापस लिए गए तब किसानों से किए गए वादे आज तक पूरे नहीं हुए।
उन्होंने कहा कि भारत के मेहनतकश लोग एनडीए-3 सरकार की कारपोरेट और सुपर रिच को समृद्ध करने की नीतियों के कारण गहरे संकट का सामना कर रहे हैं। खेती की लागत और मुद्रास्फीति हर साल 12 से 15 से अधिक बढ रही है, सरकार एमएसपी में केवल 2 से 7 प्रतिशत की वृद्धि कर रही है। 2024-25 में राष्ट्रीय धान के एमएसपी को केवल 5.35 प्रतिशत बढाकर 2300 रुपये कुंतल कर दिया गया, इससे पहले कम से कम पंजाब और हरियाणा में धान और गेहूं की खरीद की जाती थी लेकिन केन्द्र सरकार पिछले साल खरीदी गयी फसल को उठाने में विफल रही जिससे मंडियों में जगह की कमी के कारण इस साल धान की खरीद ठप्प हो गयी। कार्यकर्ताओं ने सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत खरीद के साथ सी-2550 प्रतिशत पर एमएसपी देने, श्रम संहिताओं को निरस्त कर श्रम की आउटसोर्सिंग और ठेकाकरण बंद करने, ऋणग्रस्तता और किसान आत्महत्या को समाप्त करने के लिए ऋण माफी, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन को खत्म करने सहित अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। इस मौके पर सुनील कुमार, विदेश मलिक, धर्मेन्द्र मलिक, रवि चौधरी, शौकीन, अमरदीप लाटियान, अनिल भाजू, मनोज तोमर, गौतम पंवार, सुधीर कुमार, अरूण मलिक, उपेन्द्र मलिक, अमित, राकेश शर्मा, अमित मलिक, मुनव्वर चौधरी, अरविन्द खोडसमा, उदयवीर, जयवीर मुखिया आदि भी मौजूद रहे।