मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने हर साल गन्ने का मूल्य ना बढ़ने संबंधी बयान को लेकर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को आडे़ हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि सानों के गन्ने का पैमेंट क्या मंत्री की जेब से होना है या फिर वो मंत्री के बजाए चीनी मिल लॉबी के एजेंट है, जो इस तरह की बयानबाजी कर किसानों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं। सरकार किसानों के सब्र का और इम्तिहान ना ले। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बिजली को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है। यदि ऐसा हुआ तो भाकियू बिजली कर्मचारियों के साथ खड़े होकर विरोध करेगी। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शनिवार को अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का हर साल गन्ने का दाम ना बढ़ाने का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, इससे किसानों में निराशा और नाराजगी दोनों बढ़ी है। बढ़ती महंगाई के हिसाब से क्या किसानों को उनकी फसल का दाम नहीं मिलना चाहिए। क्या गन्ने का पैमेंट मंत्री की जेब से हो रहा है, जो उन्हें गन्ने का दाम बढ़ाने से रोक रहा है। गन्ने का भाव चार सौ पार की वकालत करने वाले भाजपा के बड़े नेता चुप क्यों है। किसान पहले मेहनत से फसल उगाता है और फिर उसे दाम के लिए सरकार की तरफ ताकना पड़ता है। किसान पहले ही प्रताड़ित है, यदि गन्ने का दाम नहीं बढ़ाया गया तो भाजपा की इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। किसान नेता टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार बिजली को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है। यदि किसी का शक है तो वह नोएडा और आगरा से पता कर सकता है कि बिजली प्राइवेट हाथों में है या नहीं। उन्होंने कहा कि किसानों के मसीहा महेंद्र सिंह टिकैत सदा ही बिजली कर्मचारियों के साथ खड़े रहे हैं। यदि सरकार ने बिजली का निजीकरण करने की कोशिश की तो भाकियू बिजली कर्मचारियों केसाथ खडे होकर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि किसान कर्ज मकड़जाल में फंसा हुआ है। ऐसे में जरूरी है कि जब तक प्रदेश में एमएसपी कानून लागू नहीं होता, तब तक किसानों के सारे कर्ज माफ किया जाएं।